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इंसान ज्ञान भुलाया निज स्वरूप सहा असह्य अपमान अटूट भक्ति यह ज़िन्दगी बात नसीब यह श्राद्ध कैसा यह जो समय बचपन

Hindi दीजै यह ज्ञान Poems